महकी सी प्याली है इश्क कोई
सुबह की लाली है इश्क
गिरता सा झरना है इश्क कोई
उठता सा कलमा है इश्क कोई
साँसों में लिपटा है इश्क कोई
आँखों में दिखता है इश्क
मेरे दिल को तू जां से जुदा कर दे
यूँ बस तू , मुझको फना कर दे
मेरा हाल तू, मेरी चाल तू
बस कर दे आशिकाना
तेरे वास्ते, मेरा इश्क सूफ़ियाना
सोचूँ तुझे तो है सुबह, सोचूँ तुझे तो शाम है
मंज़िलों पे अब तो मेरी, एक ही तेरा नाम है
तेरे आग में ही जलते, कोयले से हीरा बन के
ख़्वाबों से आगे चलके है तुझे बताना
तेरे वास्ते, मेरा इश्क सूफ़ियाना
मेरा इश्क सूफियाना...
साथ-साथ चलते-चलते हाथ छूट जायेंगे
ऐसी राहों में मिलो ना
बातें-वातें करते-करते रात कट जायेगी
ऐसी रातों में मिलो ना
क्या हम हैं क्या रब है
जहाँ तू है वहीं सब है
तेरे लब मिले मेरे लब खिले
अब दूर क्या है जाना
तेरे वास्ते, मेरा इश्क सूफियाना
मेरा इश्क सूफियाना...
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