Pages

Tuesday, October 18, 2022

अँखियों के झरोखों से - Ankhiyon Ke Jharokhon Se (Hemlata, Title Track)Movie/Album: अँखियों के झरोखों से (1978)Music By: रविन्द्र जैनLyrics By: रविन्द्र जैनPerformed By: हेमलता

अँखियों के झरोखों से, मैंने देखा जो सांवरे
तुम दूर नज़र आए, तुम (बड़ी) दूर नज़र आए
बंद करके झरोखों को, ज़रा बैठी जो सोचने
मन में तुम्हीं मुस्काए, मन में तुम्हीं मुस्काए
अँखियों के झरोखों से...

इक मन था मेरे पास वो, अब खोने लगा है
पाकर तुझे, हाय मुझे, कुछ होने लगा है
इक तेरे भरोसे पे, सब बैठी हूँ भूल के
यूँ ही उम्र गुज़र जाए, तेरे साथ गुज़र जाए
अँखियों के झरोखों से...

जीती हूँ तुम्हें देख के, मरती हूँ तुम्हीं पे
तुम हो जहाँ, साजन, मेरी दुनिया है वहीं पे
दिन रात दुआ माँगे, मेरा मन तेरे वास्ते
कहीं अपनी उम्मीदों का, कोई फूल न मुरझाए
अँखियों के झरोखों से...

मैं जब से तेरे प्यार के, रंगों में रंगी हूँ
जगते हुए, सोई रही, नींदों में जगी हूँ
मेरे प्यार भरे सपने, कहीं कोई न छीन ले
दिल सोच के घबराए, यही सोच के घबराए
अँखियों के झरोखों से...

कुछ बोल के खामोशियाँ, तड़पाने लगी हैं
चुप रहने से मजबूरियाँ, याद आने लगी हैं
तू भी मेरी तरह हँस ले, आँसू पलकों पे थाम के
जितनी है ख़ुशी, ये भी, अश्कों में ना बह जाए
अँखियों के झरोखों से...

कलियाँ ये सदा प्यार की, मुसकाती रहेंगी
खामोशियाँ तुझसे मेरे, अफ़साने कहेंगी
जी लूँगी नया जीवन, तेरी यादों में बैठ के
खुश्बू जैसे फूलों में उड़ने पे भी रह जाए
अँखियों के झरोखों से...

No comments:

Post a Comment

अपनी राय देकर कृपया मुझे प्रोत्साहित करे