आपकी आँखों में...
लब हिले तो मोगरे के फूल खिलते हैं कहीं
आपकी आँखों में क्या साहिल भी मिलते हैं कहीं
आपकी खामोशियाँ भी, आप की आवाज़ हैं
आपकी आँखों में...
आपकी बातों में फिर कोई शरारत तो नहीं
बेवजह तारिफ़ करना आपकी आदत तो नहीं
आपकी बदमाशियों के ये नये अंदाज़ हैं
आपकी आँखों में...
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