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Tuesday, October 18, 2022

ख़ैरियत पूछो कभी तो कैफ़ियत पूछोतुम्हारे बिन दीवाने का क्या हाल है

ख़ैरियत पूछो कभी तो कैफ़ियत पूछो
तुम्हारे बिन दीवाने का क्या हाल है
दिल मेरा देखो ना मेरी हैसियत पूछो
तेरे बिन एक दिन जैसे सौ साल है..

अंजाम है तय मेरा.. होना तुम्हे है मेरा 

जितनी भी हों दूरियाँ फ़िलहाल है

यह दूरियाँ फ़िलहाल है

हो…ओ..ओ..
ख़ैरियत पूछो कभी तो कैफ़ियत पूछो
तुम्हारे बिन दीवाने का क्या हाल है
दिल मेरा देखो, ना मेरी हैसियत पूछो
तेरे बिन एक दिन जैसे.. सौ साल है

तुम्हारी तस्वीर के सहारे, मौसम कई गुज़ारे
मौसमी ना समझो, पर इश्क़ को हमारे
नज़रों के सामने मैं, आता नहीं तुम्हारे
मगर रहते हो.. हर पल मंज़र मे तुम हमारे

अगर इश्क़ से.. है मिला
फिर दर्द से, क्या गिला
इस दर्द में ज़िंदगी खुशहाल है..
यह, दूरियाँ फ़िलहाल हैं

हो..ओ..ओ…
ख़ैरियत पूछो कभी तो कैफ़ियत पूछो
तुम्हारे बिन दीवाने का क्या हाल है
दिल मेरा देखो ना मेरी हैसियत पूछो
तेरे बिन एक दिन जैसे, सौ साल है..

अंजाम है तय मेरा.. होना तुम्हे है मेरा..
जितनी भी हों दूरियाँ फ़िलहाल है
यह दूरियाँ फ़िलहाल है…




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