Pages

Friday, October 31, 2008

बेटियाँ



ओस की एक बूंद सी होती है बेटियाँ -स्पर्श खुरदरा हो तो रोती है बेटियाँ ॥
रोशन करेगा बेटा तो एक ही कुल को -दो दो कुल की लाज होती है बेटियाँ ॥
कोई नहीं है दोस्तों ,एक दुसरे से कम -हीरा अगर है बेटा तो ,मोती है बेटियाँ
काँटों की राह पे ये ख़ुद ही चलती रहेगी -औरो के लिए फूल बोती है बेटियाँ ॥
साभार

No comments:

Post a Comment

अपनी राय देकर कृपया मुझे प्रोत्साहित करे