पल भर ठहर जाओ
दिल ये संभल जाए
कैसे तुम्हे रोका करूँ
मेरी तरफ आता हर गम फिसल जाए
आँखों में तुम को भरूं
बिन बोले बातें तुमसे करूँ
अगर तुम साथ हो [x2]
बहती रहती
नहर नदिया सी तेरी दुनिया में
मेरी दुनिया है तेरी चाहतों में
मैं ढल जाती हूँ तेरी आदतों में
अगर तुम साथ हो
तेरी नज़रों में है तेरे सपने
तेरे सपनो में है नाराज़ी
मुझे लगता है के बातें दिल की
होती लफ़्ज़ों की धोकेबाज़ी
तुम साथ हो या ना हो क्या फ़र्क है
बेदर्द थी ज़िंदगी बेदर्द है
अगर तुम साथ हो [x2]
पलकें झपकते ही दिन ये निकल जाए
बेती बेती भागी फिरू
मेरी तरफ आता हर गम फिसल जाए
आँखों में तुम को भरूं
बिन बोले बातें तुमसे करूँ
अगर तुम साथ हो [x2]
तेरी नज़रों में है तेरे सपने
तेरे सपनो में है नाराज़ी
मुझे लगता है के बातें दिल की
होती लफ़्ज़ों की धोकेबाज़ी
तुम साथ हो या ना हो क्या फ़र्क है
बेदर्द थी ज़िंदगी बेदर्द है
अगर तुम साथ हो
दिल ये संभल जाए
अगर तुम साथ हो
हर गम फिसल जाए
अगर तुम साथ हो
दिन ये निकल जाए
अगर तुम साथ हो
हर गम फिसल जाए…
No comments:
Post a Comment
अपनी राय देकर कृपया मुझे प्रोत्साहित करे