Friday, July 9, 2021
सुन मेरे हम सफर
सुन मेरे हमसफ़र
क्या तुझे इतनी सी भी खबर
सुन मेरे हमसफ़र
क्या तुझे इतनी सी भी खबर
की तेरी साँसे चलती जिधर
रहूँगा बस वही उम्र भर
रहूँगा बस वही उम्र भर हाय
जितनी हसीं ये मुलाकातें हैं
उनसे भी प्यारी तेरी बातें हैं
बातों में तेरी जो खो जाते हैं
आऊँ ना होश में मैं कभी
बाहों में है तेरी ज़िन्दगी हाय
सुन मेरे हमसफ़र
क्या तुझे इतनी सी भी खबर
ज़ालिमा तेरे इश्क च मैं
हो गयीआं कमली हाय
मैं तो यूं खड़ा किस
सोच में पड़ा था
कैसे जी रहा था मैं दीवाना
छूपके से आके तूने
दिल में समां के तूने
छेड़ दिया कैसा ये फ़साना
ओ.. मुस्कुराना भी तुझी से सिखा है
दिल लगाने का तू ही तरीका है
ऐतबार भी तुझी से होता है
आऊँ ना होश में मैं कभी
बाहों में है तेरी ज़िन्दगी हाय
है नहीं था पता
के तुझे मान लूँगा खुदा
की तेरी गललियों में इस कदर
आऊंगा हर पहर
सुन मेरे हमसफ़र
क्या तुझे इतनी सी भी खबर
की तेरी साँसे चलती जिधर
रहूँगा बस वही उम्र भर
रहूँगा बस वही उम्र भर हाय
ज़ालिमा तेरे इश्क च मैं
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