Wednesday, October 12, 2011
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दिल से देखो -दिल से सुनो -दिल से करो -दुनिया सिर्फ दिलवालो की है- दिल की आवाज -दिल की आह -दिल की दिल्लगी -दुनिया सिर्फ दिवानो की है- दिल के यार -दिल के पार -दिल के संसार -दुनिया सिर्फ मस्तानो की है- दिल के घाव - दिल के श्राप -दिल के अरमान -दुनिया सिर्फ आह भरने वालो की है- हे दुनिया -तेरे रूप अनेक -जो जैसा सोचे -उसे तू वैसी ही नजर आती है- तू शीशा है -या फिर पानी -या कोई झील -या कोई कहानी --------इस तिलस्मी दुनिया को -कोई जान जाए तो मुझे भी समझाना -----------------RAJU BAGRA-MADURAI
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